मीठा खाने की आदत को शुगर क्रेविंग कहते हैं जो बिना मौका देखे कभी भी इंसान पर हावी हो जाती है। जरूरत से ज्यादा मीठा खाने पर मोटापा, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और डिप्रेशन जैसी परेशानियां शुरू हो जाती हैं। ऐसे में ये समझना जरूरी हो जाता है कि आखिर मीठा खाने की क्रेविंग शरीर में होने वाली किस कमी की तरफ इशारा कर रही है। आइए जानते हैं-
ग्लूकोज का स्तर बिगड़ने पर-कई लोग मोटापा कम करने के चक्कर में खुद को भूखा रखकर कड़ी डायटिंग करते हैं। जिस वजह से उनके शरीर को पूरा पोषक तत्व नहीं मिल पाता। शरीर में ग्लूकोज का स्तर बिगड़ने पर आपको चॉकलेट या मिठाई खाने की क्रेविंग होनी शुरू हो जाती है।
स्ट्रेस हार्मोन- शरीर जब स्ट्रेस में होता है तब कोर्टिसोल और एड्रेनालिन हार्मोन ज्यादा बनने लगते हैं। ये दोनों हमारी बॉडी में असंतुलन पैदा करते हैं जिससे ब्लड प्रेशर और इंसुलिन का स्तर बढ़ाता है। यही नहीं इससे हमें मीठा खाने की भी क्रेविंग होने लगती है।
लो ब्लड शुगर- हमारा शरीर जब भूखा होता है तब उसे अधिक ईंधन या फ्यूल की आवश्यकता पड़ती है। जब आप कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन खाते हैं, तो पाचन तंत्र उसे शुगर में तोड़ देता है। जो उसे रक्त के जरिए कोशिकाओं में ले जाकर एनर्जी में बदलता है। लेकिन लंबे समय तक भूखे रहने से हमारी कोशिकाओं को फ्यूल यानी ईंधन की जरूरत पड़ती है। ऐसे में हमें अधिक कार्बोहाइड्रेट लेने की आवश्यकता पड़ती है जिस कारण हमें शुगर क्रेविंग होने लगती है।