मां की बीमारी के कारण मुंबई में जमी-जमाई नौकरी छोड़ कर वापस आना पड़ा। इसके बाद खुद का स्टार्टअप शुरू किया लेकिन मां की मौत के बाद डिप्रेशन में चले गए। पार्टनर भी पैसे लेकर भाग गया और इनवेस्टर ने भी ऐन मौके पर निवेश करने से इंकार कर दिया। अगर इतनी बाधाओं के बाद भी कोई शख्स 5 करोड़ सालाना टर्नओवर वाली कंपनी खड़ी कर दे तो ये अपने आप में मिसाल है। ये कारनामा कर दिखाया है मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित शक्तिस्टेलर कंपनी के फाउंडर अंकित रॉय ने। अंकित की कंपनी सोलर पैनल लगाने का काम करती है। उसका कारोबार दिन दूनी रात चौगुनी तेजी से बढ़ रहा है। अंकित ने साल 2009 में भोपाल के राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक से बीटेक किया था। बी.टेक करने के दौरान ही उन्हें नौकरी मिल गई और वे मुंबई चले गए।
उन्होंने मुंबई में पांच साल तक काम किया, लेकिन इसी बीच उनकी मां को कैंसर हो गया। मां के इलाज के लिए वे नौकरी छोड़ भोपाल वापस आ गए। उन्होंने फैसला किया कि वे भोपाल में ही कोई नौकरी ढूढ़ लेंगे। साथ ही मां की देखभाल भी हो जाएगी। भोपाल आकर अंकित ने राजधानी और उसके आसपास नौकरी ढूढ़ी लेकिन उन्हें नहीं मिली। उसका कारण था उनकी सैलरी। मुंबई में उन्हें ज्यादा पैकेज मिलता था लेकिन भोपाल में उन्हें कोई भी इतनी सैलरी देने को तैयार नहीं था। दो साल तक नौकरी न मिलने से परेशान अंकित ने अपना काम शुरू करने का निर्णय लिया। मुंबई में रहते हुए उन्हें यह पता चला गया था कि आने वाला समय सौर ऊर्जा का है और सोलर पैनल लगाने का बिजनेस आने वाले में समय में बेहतर फायदा देने वाला साबित होगा।
2018 में शुरू की कंपनी
इस स्टार्टअप शुरू करने के लिए अंकित के पास बहुत ज्यादा पैसे नहीं थे फिर भी उन्होंने जैसे-तैसे काम शुरू कर दिया। अंकित के मुताबिक उनको पहला ऑर्डर उनके पिता के दोस्त से मिला। उनके घर पर सोलर पैनल लगाने से 6 हजार रुपये की आमदनी हुई थी। अभी उनका काम शुरू ही हुआ था कि कैंसर से पीड़ित अंकित की मां का देहांत हो गया। मां की मौत से अंकित डिप्रेशन में चले गए। अंकित का कहना है कि उनकी पत्नी ने उन्हें बड़ी मुश्किल से संभाला। पत्नी के सपोर्ट से वे 6 माह बाद अवसाद से बाहर निकले। उन्होंने बताया कि उन्हें सोलर पैनल इंस्टाल का दूसरा ऑर्डर जिस ग्राहक ने दिया, वह एन मौके पर मुकर गया जबकि वो उसके लिए सारा सामान खरीद चुके थे। ऐसे में मजबूरी में उन्हें अपने ही घर पर वह सिस्टम लगाना पड़ा। पैसे की कमी की वजह से अकेले बिजनेस करने में मुश्किल आ रही थी, तो उन्होंने अपने जूनियर को कंपनी में पार्टनर बनने का ऑफर कर दिया जिसे उसने मान लिया, लेकिन कुछ दिनों बाद ही वो डेढ़ लाख रुपये लेकर दिल्ली भाग गया।
अंकित के मुताबिक पैसा जुटाने के लिए उन्होंने काफी हाथ-पैर मारे। इसी दौरा। एक दोस्त ने उन्हें कनाडा के एक शख्स से मिलवाया। वह उनकी कंपनी में पैसा लगाने को राजी हो गया। इसके बाद उन्होंने एक कंपनी के साथ 6 करोड़ का एक प्रोजेक्ट साइन कर लिया, लेकिन, ऐन मौके पर इनवेस्टर ने पैसा लगाने से मना कर दिया। इतना कुछ होने के बाद भी अंकित निराश नहीं हुए। उन्होंने अपना प्रयास जारी रखा। इसी दौरान उनकी मुलाकात उनके पार्टनर प्रवीण से हुई। प्रवीण ने कई बड़ी कंपनियों में मार्केटिंग का काम किया है और वे भी अपना शुरू स्टार्टअप शुरू करने की प्लानिंग कर रहे थे। अंकित से मिलने के बाद उन्होंने उनके साथ काम करने का निर्णय लिया। अब वो कंपनी में मार्केंटिंग का काम देखते हैं और अंकित टेक्निकल पार्ट संभालते हैं। अब शक्तिस्टेलर का काम तेजी से चल पड़ा है। अंकित ने बताया कि पिछले साल उनका टर्नओवर 3 करोड़ रुपये था जो इस साल 5 करोड़ हो जाएगा।