हरिद्वार। कुंभ मेले में हुए कोरोना टेस्ट घोटाले के मुख्य आरोपी मैक्स काॅरपोरेट सर्विसेस के पार्टनर शरद पंत व मल्लिका पंत को पुलिस ने नोयडा से गिरफ्तार कर लिया। पत्रकारों को जानकारी देते हुए डीआईजी व हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा.योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि मुख्य चिकित्साधिकारी डा.शंभू कुमार झा ने मैसर्स मैक्स काॅर्पोरेट सर्विस, नालवा लैब व डा.लाल चंदानी लैब के खिलाफ कोविड टेस्ट में फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाते हुए नगर कोतवाली में धारा 188,269,270,420,468,471,120 बी भादवि व 3 महामारी अधिनियम व 53 आपदा प्रबन्धन अधिनियम के तहत मुकद्मा दर्ज कराया था। मामले की शुरूआती विवेचना तत्कालीन नगर कोतवाली प्रभारी राजेश शाह ने की। बाद में मामले की संवदेनशीलता को देखते हुए नगर पुलिस अधीक्षक कमलेश उपाध्याय के पर्यवेक्षक व सीओ बुग्गावाला के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया था। विवेचना के दौरान गवाहो के बयान व दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर पता चला कि मुख्य आरोपी मैक्स काॅर्पोरेट सर्विसेस फर्म के पार्टनर्स शरद पन्त तथा उसकी पत्नी मल्लिका पन्त द्वारा कुम्भ मेला अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) को गुमराह करते हुये एक एमओयू जो नलवा लैब हिसार तथा लालचन्दानी लैब दिल्ली के साथ था, को दर्शाते हुये कुम्भ मेले के दौरान कोविड -19 टेस्टिंग का ठेका सरकार से लिया। शरद पन्त तथा मल्लिका पन्त के द्वारा एक आपराधिक षडयन्त्र के तहत आशीष वशिष्ठ, डेलफिया लेब भिवानी हरियाणा, जो आईसीएमआर में कोविड टेस्ट के लिये अधिकृत नही है, को शामिल किया गया। जबकि नियमानुसार कोविड-19 टैस्टिंग हेतु केवल आईसीएमआर से अधिकृत लैब ही टैस्टिंग हेतु आवेदन कर सकती थी। विवेचना के दौरान एसआईटी ने आशीष वशिष्ठ को जुलाई में गिरफ्तार कर लिया था। जो इस समय जिला कारागार रोशनाबाद में बंद है।