उत्तराखंड रोडवेज में बसों का संकट कम नहीं हो रहा है। निगम अब 100 नई बस खरीदने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए सरकार से मंजूरी मिल गई। बावजूद बसों की कमी पूरी नहीं हो पाएगी। क्योंकि रोडवेज में करीब 300 बसें ऐसी हैं, जो तय किलोमीटर और आयु पूरी कर चुकी हैं और खटारा हो चुकी हैं। ऐसे में नियमानुसार इनको बाहर करना होगा।
रोडवेज में 1267 बसों का बेड़ा है, इसमें 919 रोडवेज की खुद की बसें हैं, जबकि 348 अनुबंधित बसें हैं। बेड़े से हर साल जितनी बसें बाहर हो रही हैं, उसके सापेक्ष नई बसों की खरीद नहीं हो पा रही है, जिस कारण बसों का बेड़ा कम होता जा रहा है। इसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है, साथ ही रोडवेज को नुकसान भी हो रहा है।
सबसे ज्यादा परेशानी पहाड़ी रूटों पर हैं। यहां कुछ रूट ऐसे हैं, जहां पहले रोडवेज की बसें चलती थी, लेकिन अब लंबे समय से बस सेवाएं बंद हैं। मैदानी रूटों पर खटारा बसें दौड़ रही हैं। करीब 300 बसें ऐसी हैं, जो आयु और किलोमीटर पूरे कर चुकी हैं। पहाड़ी रूट की कई बसें आधे रास्ते में हांफ जा रही हैं।