राष्ट्रीय पंचायती दिवस पर लोगों को पंचायतों का महत्व बताया गया। पंचायत प्रतिनिधियों ने त्रिस्तरीय पंचायत को नौकरशाहों से मुक्त करने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि केरल सहित पंचायती राज व्यवस्था पर उल्लेखनीय कार्य करने वाले राज्यों से उत्तराखंड को सीखकर नया पंचायती राज एक्ट लागू करना चाहिए।
उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायती संगठन के बैनर तले आयोजित गोष्ठी में संगठन के अध्यक्ष और जिला पंचायत सदस्य मर्तोलिया ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था के उन्नयन के लिए संविधान में संशोधन भी किया गया, उसके बाद भी पंचायत आजादी के साथ कार्य नहीं कर पा रही है। पंचायत प्रतिनिधियों ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार तय करती है कि पंचायतों का बजट कैसे और किस मद में खर्च होगा। उन्होंने कहा कि पंचायतों को बजट सरकार दे, लेकिन खर्च करने का अधिकार पंचायतों के पास होना चाहिए। पंचायती व्यवस्था के मजबूत हुए बगैर गांव की सरकार की कल्पना पूरी नहीं की जा सकती है। वहां मोहन सिंह महर, हयात सिंह नेगी, लक्ष्मण पंवार, कल्याण सिंह मेहता, हीरा सिंह नेगी, अमर सिंह भंडारी, हरीश शर्मा, गिरीश दानू, लक्ष्मी प्रसाद जोशी आदि रहे।