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DevBhoomi Insider Desk
• Thu, 24 Oct 2024 3:17 pm IST


तो क्या आज से नहीं होगा चंपावत अस्पताल में गर्भवतियों का इलाज, विशेषज्ञों का रोस्टर वार समय खत्म


चंपावत जिला अस्पताल में 25 अक्तूबर को गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। तीन जिलों की नौ स्त्री रोग विशेषज्ञों की रोस्टर वार लगाई ड्यूटी का 24 अक्तूबर को अंतिम दिन है। इसके बाद गर्भवती महिलाओं के इलाज का जिम्मा एलएमओ के पास होगा, लेकिन गंभीर परिस्थिति में रेफर ही एकमात्र चारा होगा।

चंपावत जिला अस्पताल 24 अक्तूबर से स्त्री रोग विशेषज्ञ से विहीन हो जाएगा। इसके बाद सिर्फ सामान्य प्रसव की अस्पताल में एलएमओ करा सकेगी। गंभीर मामलों में रेफर के अलावा कोई चारा नहीं होगा। स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर डीजी कुमाऊं, महानिदेशक देहरादून को पत्र भेजकर इसकी जानकारी दे दी थी। अब देवीधुरा, पाटी, लोहाघाट और चंपावत क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं के ही सामान्य प्रसव एलएमओ करेंगी।

15 जुलाई को प्रसूता की मौत के बाद शासन स्तर से चंपावत अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ को लाने के प्रयास किए थे, लेकिन 26 जुलाई तक अल्मोड़ा से संबद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ के नहीं आने के बाद शासन ने नया तरीका निकालते हुए रोस्टर के हिसाब से तीन जिलों की स्त्री रोग विशेषज्ञों की गर्भवती महिलाओं के इलाज के लिए रोस्टरवार तैनात किया।


महानिदेशक चिकित्सा एवं परिवार कल्याण देहरादून तारा आर्या ने 25 जुलाई को आदेश जारी कर 24 अक्तूबर तक रोस्टर बनाकर जारी किया था। महानिदेशक ने प्रांतीय स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवा (पीएमएचएस) संवर्ग में कार्यरत नौ स्त्री रोग विशेषज्ञों को जनहित में तात्कालिक प्रभाव से जिला चिकित्सालय चंपावत में कार्य करने के लिए रोटेशन के अनुसार अनिवार्य रूप से तैनात करने के आदेश दिए।

स्वास्थ्य महानिदेशक देहरादून ने पीएमएचएस संवर्ग की नौ स्त्री रोग विशेषज्ञों को रोटेशन के हिसाब से चंपावत जिला अस्पताल में तैनात के आदेश जारी किए थे। 24 अक्तूबर को रोटेशन समाप्त हो रहा है। इसकी शासन स्तर पर पूर्व में ही दे दी गई है। सामान्य प्रसव ही अस्पताल में एलएमओ की मदद से कराए जा सकेंगे। गंभीर मामलों में बिना स्त्री रोग विशेषज्ञ के रेफर करना मजबूरी होगा।