भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने डोईवाला में एक विशाल किसान पंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि किसान बिल्कुल निश्चिंत रहें उनके साथ धोखा नहीं होगा । संयुक्त किसान मोर्चा जो निर्णय लेगा, भाकियू उसी के साथ हैं। उन्होंने कहा सरकार की तरफ से उन्हें कई प्रकार के ऑफर आए, लेकिन हमने सरकार को साफ बता दिया है कि वह सिर्फ किसान संघर्ष मोर्चा के साथ हैं।
चौधरी नरेश टिकैत ने अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री को दस हजार हत्याओं का दोषी बताया और कहा कि गोधरा कांड इसका जीता जागता उदाहरण है । चौधरी नरेश टिकैत ने सरकार को किसानों को ना छेड़ने की चेतावनी देते हुए कहा कि किसानों को आंदोलन के दौरान छेड़ा गया तो भाजपा के लिए शुभ संकेत नहीं होगा और उनकी विचारधारा से जुड़े लोगों को दिक्कत होगी ।
चौधरी नरेश टिकैत ने लाल किले के बारे में स्पष्ट शब्दों में बताया कि लालकिला तो सरकार ने पहले ही बेच दिया है जिस पर इतना हा हुल्ला किया जा रहा है ।लाल किला जाने वाले लोगों को सरकार की सरपरस्ती में ही रास्ता दिया गया और उन्हें रोका नहीं गया है। टिकैत ने कहा कि वह रामचंद्र जी के वंशज हैं और 84 गांव उनके वंशजों के हैं सरकार को कोई दिक्कत है तो रामचंद्र जी के वंशज उनकी दिक्कत दूर करेंगे ।
चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि किसानों को इस आंदोलन में सक्रिय रहने के लिए जरूरी बताया कि यह किसानों के सम्मान की लड़ाई है।
चौधरी नरेश टिकैत ने इस दौरान यह भी कहा कि यह सरकार चालबाजो की सरकार है वर्ष 2013 में इन्होंने दंगे कराए थे जिसमें बहुत लोग इनकी चाल में फंस गए थे। लेकिन अब वह सब कुछ समझते हैं ।
हरियाणा के किसान नेता अभिमन्यु कोहार ने कहा कि किसानों की लड़ाई मान सम्मान की लड़ाई है और वह सिर कलम कराने के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अब यह लड़ाई एमएसपी लागू करने और काले कानूनों को वापस कराने की नहीं बल्कि पगड़ी की लड़ाई है ।यह सरकार हिंदू ,मुसलमान ,मराठा, गैर मराठा ,सिख ,इस्लाम ,हिंदू, ईसाई के बीच बीच लड़ाई कर आती है लेकिन उन्होंने साफ शब्दों में कहां की सरदार कभी गद्दार नहीं हो सकता ,संघी कभी वफादार नहीं हो सकता।
उधम सिंह नगर से आए किसान नेता जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि किसानों का यह आंदोलन सिर्फ किसानों और मजदूरों का ही नहीं है। इस काले कानूनों में लड़ाई पशुपालकों ,सब्जी बेचने वालों, छोटे दुकानदारों के लिए भी है।
कार्यक्रम के दौरान हिमाचल प्रदेश के पोंटा साहिब और हरिद्वार जिले से भारी संख्या में किसान यूनियन के नेता पहुंचे और उन्होंने अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन सुरेंद्र सिंह खालसा और उमेद बोरा ने किया।