उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मृत्यु के मामलों को देखते हुए अब घायलों को तत्काल मदद मुहैया कराने की तैयारी है। इस कड़ी में दुर्घटना संभावित स्थलों पर 108 एंबुलेंस की तैनाती की जाएगी। मकसद यह कि दुर्घटना के एक घंटे के भीतर ही घायलों को मदद देकर उनकी जान बचाई जा सके।
प्रदेश में हर साल दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ रहा है। इस वर्ष अभी तक 700 से अधिक दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें 450 से अधिक व्यक्ति अकाल ही काल का ग्रास बन गए। इन जानलेवा दुर्घटनाओं में ये बात सामने आई है कि यदि समय रहते घायलों को इलाज मिल गया होता तो शायद उनकी मृत्यु नहीं होती। सड़क दुर्घटनाओं की समीक्षा में यह बात सामने आई है कि दुर्घटना से एक घंटे का समय घायल के लिए काफी अहम होता है। इसे गोल्डन आवर भी कहा जाता है। यानी किसी दुर्घटना में घायल को एक घंटे के भीतर इलाज मिल जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है।