शीतकालीन अवकाश और कोविड प्रसार के चलते एक महीने बंद रहे हाईस्कूल और इंटर कालेज सोमवार से खुल गए। सोमवार को सरकारी और निजी स्कूलों के बच्चे उत्साह के साथ स्कूल पहुंचे। हालांकि, पहले दिन अधिकतर स्कूलों में छात्र संख्या कम रही। साफ-सफाई में गुजर गया। बोर्ड के छात्रों बताया कि स्कूल खुलने चाहिए, ताकि अपनी तैयारी और पढ़ाई ठीक से कर सकें।
- एक महीने बाद विद्यालय आई और दोस्तों से मिली। अच्छा लगा। घर में पढ़ाई नहीं हो पा रही थी। स्कूल खुलने का काफी दिनों से इंतजार था। - आंचल सैनी, छात्रा 10वीं
ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान कई दिक्कतें आती हैं। कई बच्चों के पोस मोबाइल नहीं हैं तो कई जगहों पर नेटवर्क की परेशानी होती है। जिससे पढ़ाई बाधित हो रही थी। - उजमा अंसारी, छात्र 12वीं
- विद्यालय में पहले दिन 20 प्रतिशत ही उपस्थिति रही। पहला दिन होने के कारण कई बच्चे नहीं आए, लेकिन हर कोई विद्यार्थी स्कूल खुलने का इंतजार कर रहा था। - अल्तमस, छात्र 10वीं
- स्कूल बंद होने से पढ़ाई पर असर पड़ा है। बोर्ड की परीक्षाएं सिर पर हैं। ऐसे में स्कूल खुलने जरूरी थे। सरकार ने सही कदम उठाया है।