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DevBhoomi Insider Desk
• Sun, 12 Sep 2021 7:45 am IST


दान से बड़ा कोई पुण्य नहीं ...बाबा हठयोगी


हरिद्वार। बाबा हठयोगी ने कहा कि दान से बड़ा कोई पुण्य कार्य नहीं है। दान करने वाले व्यक्ति का योगदान उसके मरने के उपरांत याद किया जाता है। भारतवर्ष में राजा बलि, कर्ण जैसे अनेक दानवीरों को उनके दान से लिए ही जाना जाता है। बताते चले कि आत्मबोध संस्था की ओर से निर्धन, असहाय लोगों के लिए निःशुल्क भोजन व्यवस्था शुरू की जा रही है। इसको लेकर संस्था के पदाधिकारियों ने शनिवार को चंडी घाट स्थित गौरी शंकर गौशाला के महंत बाबा हठयोगी के साथ विचार विमर्श किया। इस मौके पर सीए आशुतोष पांडेय ने कहा कि भूखे को भोजन कराना पुण्य कार्य है और तीर्थ नगरी में इसका महत्त्व और भी ज्यादा हो जाता है। प्रवीण सिंह ने कहा कि बाबा हठयोगी के निर्देशन में चंडी घाट क्षेत्र में रहने वाले गरीब लोगों और बाहर से आने वाले यात्रियों के लिए प्रतिदिन लंगर चलाया जाएगा। सुधीर गौतम ने कहा कि धन की तीन गति होती है। पहला दान, दूसरा भोग और तीसरा विनाश। इसको ध्यान में रखते हुए लोगों को धन का सार्थक उपयोग करना चाहिए। राजेश राय ने कहा कि रविवार, 12 सितंबर से चंडी घाट स्थित गौरी शंकर गोशाला में बाबा हठयोगी के सानिध्य में भोजन प्रसाद का शुभारंभ किया जाएगा।