देहरादून। जमीनी रखवालों की कमी से जूझ रहे उत्तराखंड वन विभाग को अब अगले माह तक 1218 नए फारेस्ट गार्ड मिल जाएंगे, लेकिन उसके सामने नई चुनौती भी खड़ी हो गई है। एक साथ इतनी बड़ी संख्या में फारेस्ट गार्ड को विभागीय प्रशिक्षण देने के लिए उसके पास सुविधा नहीं है। विभाग के पास कालागढ़, रामगनर, हल्द्वानी व अल्मोड़ा में प्रशिक्षण केंद्र हैं, मगर इनकी क्षमता 190 की ही है। इनमें भी वर्तमान में प्रशिक्षण चल रहे हैं। सिर्फ कालागढ़ में ही अक्टूबर से प्रशिक्षण शुरू हो सकता है, जबकि अन्य अगले साल जनवरी से। इस सबको देखते हुए विभाग अब वैकल्पिक प्रशिक्षण की व्यवस्था के उपाय तलाशने में जुट गया है।