सुप्रीम कोर्ट ने अन्य हाईकोर्ट के उस फैसले की आलोचना की। जिसमें हिरासत में पूछताछ की जरूरत नहीं होने के आधार पर आपराधिक मामलों में आरोपियों को अग्रिम जमानत दे दी गयी है।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी परदीवाला की पीठ ने कहा कि, ये अवधारणा पूरी तरह से गलत है कि, अगर हिरासत में पूछताछ का कोई मामला नहीं मिलता है तो अग्रिम जमानत दे दी जाए।
पीठ ने कहा कि अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही अदालत को सबसे पहले इस बात पर गौर करना चाहिए कि, क्या आरोपी के खिलाफ प्रथमदृष्टया मामला बनता है या नहीं, इसके आधार पर फैसला देना चाहिए।