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• Sat, 27 Feb 2021 4:11 pm IST


6 साल की उम्र में चली गईं थीं आँखे, फिर भी बनीं देश की पहली दृष्टिबाधित महिला IAS


देश की पहली महिला दृष्टिबाधित आईएएस अधिकारी प्रांजल पाटिल ने तिरुवनंतपुरम के उप जिलाधिकारी का चार्ज संभाल लिया है। उन्होंने 2017 में यूपीएससी में 124वीं रैंक हासिल की।


ट्रेनिंग के बाद उन्होंने केरल के एरनाकुलम से बतौर उप जिलाधिकारी अपने करियर की शुरुआत की थी। प्रांजल ने अपनी कामयाबी का श्रेय माता पिता को दिया।



प्रांजल ने 2016 की यूपीएससी परीक्षा में 773वीं रैंक हासिल की थी। उन्हें भारतीय रेलवे लेखा सेवा आवंटित की गई थी। उस वक्त ट्रेनिंग के दौरान रेलवे ने 100 फीसदी नेत्रहीनता के आधार पर नौकरी देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद उन्होंने दोबारा परीक्षा दी और बेहतर रैंक हासिल की। 


प्रांजल मुंबई से सटे उल्हासनगर की रहने वाली हैं। 6 साल की उम्र में ही प्रांजल की आंख की रोशनी चली गई थी। उन्होंने अपनी पढ़ाई नेत्रहीनों के कमला मेहता स्कूल में की। स्कूली दिनों से ही प्रांजल बेहद प्रतिभावान छात्रा थी। आज वो अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं। देश की पहली दृष्टिबाधित महिला आईएएस अधिकारी प्रांजल पाटिल ने  कहा कि उन्होंने ‘‘कभी भी हार नहीं मानी।’’