उत्तराखंड में सैकड़ों बीमार शिक्षक, कर्मचारियों के सुगम तबादलों पर पेंच फंस गया है। राज्य भर से बड़ी संख्या में मेडिकल के आवेदन आने से कर्मचारियों को स्टेट मेडिकल बोर्ड से नवम्बर तक की डेट मिल रही है। जबकि महानिदेशालय में भी दो हजार का बैकलॉग हो गया है।तबदालों की कट ऑफ डेट 15 जुलाई होने से अब बीमार कर्मचारियों को बोर्ड के सार्टिफिकेट का लाभ मिलना संभव नहीं है। राज्य में बीमार कर्मचारियों को ट्रांसफर एक्ट की धारा 27 के तहत तबादलों से छूट दी गई है। इसके लिए उन्हें स्टेट मेडिकल बोर्ड का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होता है।स्टेट मेडिकल बोर्ड के प्रमाण पत्र के लिए कर्मचारियों को पहले अपने मूल विभाग से सिफारिशी पत्र बनवाकर स्वास्थ्य महानिदेशक को भेजना होता है। उसके बाद स्वास्थ्य महानिदेशालय अपनी सिफारिश स्टेट मेडिकल बोर्ड के लिए करता है। बोर्ड की ओर से दी गई तिथि पर संबंधित कर्मचारी को बोर्ड के सामने पेश होना पड़ता है।
जहां डॉक्टरों की जांच के बाद ही मेडिकल जारी किया जाता है। राज्य में स्टेट मेडिकल बोर्ड देहरादून के सीमएओ कार्यालय की ओर से आयोजित होता है। बोर्ड के सचिव और देहरादून के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ मनोज उप्रेती ने बताया कि मेडिकल बोर्ड के लिए बड़ी संख्या में आवेदन आ रहे हैं और कर्मचारियों को नवम्बर तक की डेट देनी पड़ रही है।