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DevBhoomi Insider Desk
• Tue, 23 Aug 2022 4:00 pm IST

नेशनल

जेएनयू की कुलपति ने कहा- ऊंची जाति के नहीं होते हैं देवता, भगवान शिव को बताया SC/ST


जेएनयू की कुलपति शांतिश्री धूलिपुडी पंडित ने कहा कि मानवशास्त्रीय रूप से देवता ऊंची जाति के नहीं होते। भगवान शिव अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति जाति के हो सकते हैं।

इतना ही नहीं उन्होंने मनुस्मृति का हवाला देकर कहा कि, महिलाओं की जाति शादी के बाद मिलती है। वहीं अब उनके बयान पर अब विवाद शुरू हो गया है। प्रो. शांतिश्री पर कार्रवाई की मांग हो रही है। दरअसल सोमवार को डॉ. बी आर अंबेडकर के विचार जेंडर जस्टिस : डिकोडिंग द यूनिफॉर्म सिविल कोड विषय पर व्याख्यान के दौरान कार्यक्रम के दौरान उन्होंने समान नागरिक संहिता लागू करने पर भी जोर दिया। 

उन्होंने कहा कि, डॉक्टर आंबेडकर समान नागरिक संहिता लागू करना चाहते थे। इसके बाद गोवा का जिक्र करते हुए प्रोफेसर शांतिश्री ने कहा कि, गोवा में पुर्तगालियों की लागू किया गया समान नागरिक संहिता है। इसकी वजह से गोवा में हिंदू, ईसाई और बौद्ध सभी इसे स्वीकार करते हैं। अगर ये गोवा में हो सकता है तो बाकी राज्यों में ऐसा क्यों नहीं किया जा सकता है।  

इसके बाद लैंगिक समानता की बात करते हुए प्रोफेसर शांतिश्री ने कहा कि, आज भी 54 विश्वविद्यालयों में से केवल 6 में महिला कुलपति हैं। जबकि केवल एक आरक्षित वर्ग से है।