Read in App

DevBhoomi Insider Desk
• Sun, 26 Feb 2023 10:00 am IST


ड्रोन से सर्वे की राह में भारी पड़ रहे हैं नियम, जोशीमठ के कंटूर मैप का काम नहीं हो पाया पूरा


प्रदेश में ड्रोन से सर्वे के काम तो तेजी से किए जा रहे हैं लेकिन नियम इसकी राह में रोड़ा बन रहे हैं। हालात यह हैं कि जहां भी ड्रोन से सर्वेक्षण का काम शुरू होता है, वहीं इन नियमों की वजह से वह पूरा नहीं हो पा रहा। अब सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) इसके लिए नई रणनीति तैयार करने में जुट गई है।

दरअसल, ड्रोन से सर्वे करने के लिए आईटीडीए के विशेषज्ञों की टीम ड्रोन उड़ाती है। ड्रोन उड़ाने के लिए जो नियम बने हैं, उसके तहत तमाम ऐसे क्षेत्र हैं जो कि रेड जोन यानी नो फ्लाइंग जोन में आते हैं। इन जगहों को राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिए से संवेदनशील माना जाता है। जोशीमठ में जब कंटूर मैप बनाने का काम आईटीडीए ने शुरू किया तो वहां ड्रोन रेड जोन की वजह से नहीं उड़ पाया। नतीजतन जितने पास से ड्रोन से सर्वेक्षण की जरूरत थी, वह पूरी नहीं हो पाई और कंटूर मैप बनाने की योजना असफल हो गई।इसके अलावा ड्रोन से देहरादून के सर्वेक्षण की योजना शुरू हुई लेकिन वह भी नियमों की वजह से ही असफल हो गई। दून में दो कैंट (गढ़ी व क्लेमेंटटाउन) आते हैं। इन क्षेत्रों में सेना के प्रतिष्ठान हैं, जिस वजह से यह नो फ्लाइंग जोन हैं।देहरादून का ड्रोन से सर्वे करते वक्त इन क्षेत्रों को शामिल नहीं किया जा सकता लेकिन ड्रोन को जब ऊपर से उड़ाते हैं तो तस्वीरों में कुछ क्षेत्र आ जाता है। ऐसे में सर्वेक्षण करना संभव नहीं है। इसके लिए रक्षा मंत्रालय से अनुमति की जरूरत होती है, जिसमें लंबा समय और प्रक्रिया लगती है। लिहाजा, ड्रोन से सर्वेक्षण का काम भी पूरा नहीं हो पाया।