देहरादून : उत्तराखंड में बिजली की मांग रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई है। जिससे बिजली संकट और गहरा गया है। अप्रैल माह में पहली बार प्रदेश में बिजली की मांग 48 एमयू के आंकड़े के पार गई है। ऐसे में तमाम प्रयास के बावजूद पर्याप्त उपलब्धता नहीं है और 3.32 एमयू बिजली की कमी रहने का अनुमान है। जिसे पूरा करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों और उद्योगों में बिजली कटौती बढ़ सकती है।शनिवार के लिए 16 करोड़ रुपये की बिजली बाजार से खरीदने के बाद भी 3.32 मिलियन यूनिट बिजली की कमी बनी हुई है। इसे पूरा करने के लिए लिए ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे शहरों में एक-एक घंटे, जबकि, उद्योगों में दो घंटे की कटौती की जा सकती है।देश भर में बना हुआ है बिजली का संकट
ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार का कहना है कि देश भर में बिजली का संकट बना हुआ है। ऐसे में राष्ट्रीय बाजार से बिजली खरीद को लेकर राज्यों में प्रतिस्पर्धा है। उत्तराखंड की ओर से ऊंचे दामों पर बिजली खरीद तो की जा रही है, अत्यधिक मांग होने के कारण यह नाकाफी है।