सावन में भगवान शिव की तरह माता पार्वती की भी पूजा का विधान है. सावन में आने वाले हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है और माता पार्वती की उपासना की जाती है. पति की लंबी आयु से लेकर स्वास्थ जीवन की कामना के लिए यह व्रत किया जाता है. इसके अलावा, संतान की उन्नति और कष्टों से छुटकारा पाने के लिए भी यह उपवास किया जाता है. इस बार सावन का पहला मंगला गौरी व्रत 19 जुलाई को है. आइए इस व्रत का महत्व और पूजन विधि जानते हैं
मंगला गौरी की पूजन विधि
मंगला गौरी व्रत के दिन सबसे पहले प्रात:काल में स्नान करें, लाल रंग के वस्त्र पहनें और अच्छे से श्रृंगार करें. इसके बाद, माता को लाल रंग की पोशाक अर्पित करें और अपने मंदिर में स्थापित करें. उन्हें लाल रंग के फूलों की माला अर्पित करें. फिर एक चौमुखी आटे का दिया प्रज्विलित करें और उससे मां मंगला गौरी की आरती उतारें. आखिर में 16 तरह का श्रृंगार, 16 लॉन्ग, 16 इलायची, 16 फल और 16 मिठाई चढ़ाएं.