रुद्रप्रयाग: तुंगनाथ घाटी के अंतर्गत पवधार-मक्कू बैंड पैदल मार्ग पर वन विभाग के टेंट व हट निर्माण से श्रद्धालुओं ने आक्रोश जताया. मार्ग पर आवागमन बाधित करने से भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली मक्कूबैण्ड के निकट पांच घंटे तक भक्तों के कंधों पर खड़ी रही. प्रशासन की ओर से पैदल मार्ग से अतिक्रमण हटाने के बाद डोली ने अगले पड़ाव के लिए प्रस्थान किया. ऐसी में डोली को हूण्डू गांव पहुंचने में देरी हो गई.
बता दें कि अतीत से चली परम्परा के अनुसार भगवान तुंगनाथ के कपाट बंद होने के बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली चोपता-दुगलबिट्टा होते हुए मक्कू बैंड पहुंचती है. लेकिन कुछ दिनों पूर्व वन विभाग ने पवधार-मक्कूबैण्ड पैदल मार्ग पर लगभग 11 करोड़ की लागत से टेंट व हटों का निर्माण करने से पैदल मार्ग पर आवाजाही बाधित होने लगी है. वहीं मार्ग पर आवागमन बाधित करने से भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली हूण्डू गांव देर से पहुंची.लगभग चार बजे सांय तहसील व पुलिस प्रशासन की ओर से पैदल मार्ग से अतिक्रमण हटाने के बाद डोली अगले पड़ाव के लिए रवाना हुई. प्रधान मक्कू विजयपाल नेगी ने बताया कि भगवान तुंगनाथ की डोली हमेशा पैदल मार्गों से आवागमन करती है. देव मार्गों पर विकास के नाम पर अतिक्रमण करना या आवागमन बाधित करना धार्मिक आस्था के विरुद्ध है.