Read in App

DevBhoomi Insider Desk
• Thu, 1 Sep 2022 8:30 am IST


भरतपुर के अंतिम परिवार ने भी छोड़ा गांव, रुला देगी इस गांव के लोगों की आपबीती


गुलदार की दहशत से एक और गांव खाली हो गया है। भरतपुर के अंतिम परिवार ने भी गांव छोड़ दिया है। एक सप्ताह पहले भी दुगड्डा का गोदी बड़ी गांव पूरी तरह खोली हो चुका है। पोखड़ा और एकेश्वर विकासखंड के कई गांवों में पलायन का सिलसिला रुक नहीं रहा। पोखड़ा विकासखंड की मजगांव ग्राम पंचायत के गांव भरतपुर के लोगों ने गुलदार का निवाला बनने की बजाय घर छोड़ना ही बेहतर समझा।

पोखड़ा ब्लॉक की ग्राम पंचायत मजगांव में मजगांव, डबरा, सुदंरई, नौल्यूं, भरतपुर और चौबट्टाखाल बाजार का आशिंक क्षेत्र पड़ता है। चौबट्टाखाल बाजार में रह रहे पूर्व जिला पंचायत सदस्य और भरतपुर गांव के मूल निवासी प्रवेश सुंद्रियाल बताते हैं कि उनके बड़े भाई रमेश चंद्र सुंद्रियाल गुलदार के डर से परिवार समेत निकटवर्ती कसबे गवाणी में शिफ्ट हो गए हैं। गांव के रमाकांत सुंद्रियाल भी गांव से करीब 300 मीटर ऊपर सड़क पर नया मकान बनाकर रहने लगे हैं। गांव के दो परिवारों में से एक ने दिल्ली और दूसरे ने देहरादून का रुख कर लिया है।ग्राम प्रधान मोनिका देवी, समाज सेवी सुधीर सुंद्रियाल का कहना है कि गुलदार दिन दहाड़े आ जाता है। क्षेत्र में कई घटनाओं के बाद जब वन विभाग और शासन प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया तो गांव वालों के लिए पलायन ही एकमात्र विकल्प बचा। उनका कहना है कि यहां के लोग पहाड़ में विषम हालात में रहने को तैयार हैं, लेकिन गुलदार ने उनका जीना दूभर कर दिया है।