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DevBhoomi Insider Desk
• Wed, 20 Jul 2022 1:00 am IST

अपराध

13 साल से रह रही थी अलग, फिर भी ससुरालीजन पर लगाया घरेलू हिंसा का आरोप, देना होगा 2 लाख जुर्माना


संविधान में बनाए औऱ लिखे गए कानून हमारी रक्षा के लिए हैं। लेकिन इसका जितना उपयोग नहीं होता है। उससे ज्यादा उसका दुरुपयोग किया जाता है। दरअसल अदालत ने सास, देवर और परिवार के अन्य सदस्यों पर घरेलू हिंसा व छेड़खानी का झूठा आरोप लगाने पर बहू पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना रकम ससुराल वालों को बतौर मुआवजा दी जाएगी।

दरअसल महिला का विवाह 1997 में हुआ था। विवाह के बाद 2001 में बहू अपने पति और बच्चों के साथ मायके में रहने लगी। जिसके बाद सास ने बेटे-बहू को संपति से बेदखल कर दिया। जिसपर महिला ने सास की संपत्ति पर हक जताते हुए मई 2009 में द्वारका अदालत में मुकदमा दायर कर दिया। इसके अलावा जुलाई 2009 में सास, देवर, देवरानी और उनके बेटे पर घरेलू हिंसा का केस दायर किया। इन दोनों मामलों में अदालत ने आरोपों को बेबुनियाद माना।

क्योंकि महिला लगभग 13 साल से परिवार से अलग रह रही थी। जिसके आधार पर घरेलू हिंसा का मुकदमा दिसंबर 2012 को खारिज कर दिया गया। इधर, 2015 में महिला के पति की मौत हो गई थी। इसी दौरान महिला की सास कैंसर की बीमारी से पीड़ित हो गई है, जबकि देवरानी बेमतलब के मुकदमेबाजी की वजह से मानसिक रुप से बीमार रहने लगी। 

पूरे मामले में अदालत ने माना कि, बगैर कसूर रोज-रोज पुलिस और कचहरी के चक्कर किसी को भी मानसिक रोगी बना सकते हैं। अदालत ने हर्जाना रकम का बंटवारा करते हुए निर्देश दिए कि, मुआवजा देने वाली महिला की सास और देवरानी को 70-70 हजार रुपये मुआवजे के तौर पर दिए जाएंगे। देवर और उसके बेटे को 30-30 हजार रुपये बतौर हर्जाना मिलेंगे।