मंकीपॉक्स (मनीपॉक्स) के ट्रांसमिशन को लेकर दुनिया भर में चिंता बढ़
रही है। अर्जेंटीना (अर्जेंटीना) में दो लोग संक्रमित हुए हैं। मंकी पॉक्स मुख्य
रूप से यूरोप और उत्तरी अमेरिका के देशों में फैला है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के
मुताबिक अब तक संक्रमण के 200 मामले सामने आ चुके हैं। वे उन देशों में पाए
गए हैं, जहां मंकीपॉक्स के संक्रमण आमतौर पर नहीं पाए जाते हैं।
भारत में मंकीपॉक्स
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने जानकारी दी कि भारत बढ़ते संक्रमण की इस स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार है। आईसीएमआर के एक अधिकारी ने कहा कि भारत में अब तक मंकी पॉक्स नहीं फैला है। ICMR ने एएनआई को बताया कि भारत संक्रमण के लिए तैयार है क्योंकि यह यूरोप, अमेरिका और अन्य देशों में भी फैल रहा है। भारत में अभी तक कोई खबर नहीं आई है।
मंकीपॉक्स के मामले
विश्व स्वास्थ्य संगठन की कोविड-19 टेक्निकल हेड मारिया वैन केरखोव ने कहा कि अगर अधिक निगरानी शुरू की गई तो मंकीपॉक्स संक्रमण के और मामले सामने आएंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि संक्रमण को रोका जा सकता है। उन्होंने देशों को मामलों पर और अधिक निगरानी रखने का सुझाव दिया है।
मंकीपॉक्स के लक्षण और कारण
विशेषज्ञों का कहना है कि मंकी पॉक्स से संक्रमित जानवरों के काटने से संक्रमण फैल सकता है। यह संक्रमित जानवरों के रक्त, बाल, प्लाज्मा से भी फैल सकता है। संक्रमित जानवर के मांस को सही तरीके से न पकाए जाने पर भी मंकी पॉक्स से संक्रमित होने की आशंका रहती है। उनका यह भी कहना है कि मंकी पॉक्स संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, बिस्तर, तौलिये से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।
इस बीच देश में टोमैटो फ्लू देखने को मिला है। केरल के कोल्लम जिले
में कम से कम 80 बच्चे पहले से ही बुखार से प्रभावित हैं। यह ज्ञात है कि यह मुख्य
रूप से बच्चे के शरीर में होता है। लगभग सभी प्रभावित बच्चों की उम्र 5 वर्ष
से कम बताई गई है। चेचक, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के लक्षणों या
लक्षणों में समानता है। दर्द, तेज बुखार, थकान जैसे लक्षण
होते हैं।