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• Thu, 17 Jun 2021 2:15 pm IST


ग्रामीणों की आजीविका का माध्यम बनेगी मनरेगा


टिहरी-कोरोना संक्रमण अवधि में रोजगार संकट से जूझ रहे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए राहतभरी खबर है। मनरेगा योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए जिले में छह अरब तीन करोड़ 95 लाख 89 हजार का बजट अनुमोदन किया गया है। उम्मीद है कि आजीविका के लिए संघर्षरत लोगों को मनरेगा के तहत गांव में ही रोजगार उपलब्ध हो सकेगा। जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण ने पत्रकार वार्ता में बताया कि मनरेगा की वर्ष 2021-22 की योजना का उन्होंने अनुमोदन किया है। बताया कि कुल योजना का 70 फीसदी बजट प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन और संरक्षण पर खर्च किया जाएगा। कृषि आधारित कार्यों को इसमें प्राथमिकता दी गई है। 20 ग्राम पंचायतों में नींबू की बागवानी, 14 ग्राम पंचायतों में चारा विकास, 60 लाख लीटर क्षमता के पानी के टैंकों की मरम्मत प्रमुख कार्य हैं। बताया कि थौलधार ब्लॉक में 2486 योजनाओं के लिए 59.93 करोड़, कीर्तिनगर की 2483 योजनाओं के सापेक्ष 34.97 करोड़, जौनपुर 1920 योजनाओं को 51.82 करोड़, नरेंद्रनगर 3352 योजनाओं को 53.18 करोड़, जाखणीधार 1803 योजनाओं को 57.25 करोड़, चंबा 2321 योजनाओं को 70.04 करोड़, देवप्रयाग 2028 योजनाओं को 65.69 करोड़, प्रतापनगर 2375 योजनाओं को 94.50 करोड़ और भिलंगना ब्लॉक की 2838 योजनाओं के सापेक्ष 96.53 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। इस मौके पर जिपं सदस्य रघुवीर सिंह सजवाण, बलवंत रावत, हितेश चौहान, विनोद लाल, रजनीश उपस्थित रहे।