कोरोना संक्रमण से राहत मिलने के बाद नाइट कर्फ्यू से लेकर कई पाबंदियां हटा ली गई हैं। इसके बाद भी अभी तक स्कूलों में मिड-डे मील की व्यवस्था शुरू नहीं की गई है। माना जा रहा है कि बच्चों की कम उपस्थित का कारण भी मिड-डे-मील की व्यवस्था नहीं होना है।
सरकार की ओर से सरकारी, गैर सरकारी, अशासकीय समेत मान्य प्राप्त विद्यालयों विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक छात्र-छात्राओं को दोपहर का भोजन कराया जाता है। कोरोना संक्रमण के कारण ढाई साल से मिड-डे-मील बनाने का काम बंद पड़ा हुआ था। बच्चों को चावल मुहैया कराने के साथ ही कुकिंग कास्ट के लिए नकद भुगतान किया जा रहा था। लेकिन पिछले साल कोरोना संक्रमण के केस कम होने पर नवंबर से मिड-डे मील स्कूलों में बनाना शुरू कर दिया गया था।