करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी जजरेड पहाड़ी से होने वाले भूस्खलन की समस्या का स्थायी हल नहीं निकल पाया है। शनिवार को बारिश के चलते जजरेड पहाड़ी पर हुए भूस्खलन से जौनसार-बावर की लाइफ लाइन पर यातायात करीब तीन घंटे तक बाधित रहा। सुबह नौ बजे से बंद आवागमन दोपहर करीब 12 बजे सुचारू हो सका। पूरे दिन मंडियों में जा रहे किसानों को परेशानियां झेलनी पड़ी।
शुक्रवार रात से ही रह रहकर हो रही बारिश के चलते शनिवार सुबह जजरेड पहाड़ी पर हुए भूस्खलन का मलबा कालसी-चकराता रोड पर गिरने से यातायात बाधित हो गया। सुबह के समय कोई अपनी नौकरी पर जा रहा था तो कोई मंडी में उपज पहुंचाने। मार्ग बाधित होने पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। बर्फबारी देखने के लिए चकराता जाने वाले पर्यटक भी जाम में फंसे रहे। दोनों तरफ पर्यटकों के सैकड़ों वाहन फंसे रहे। जाम में फंसे पर्यटक बारिश के चलते बाहर निकल कर भी नहीं घूम पाए। सभी गाड़ी में बैठे मार्ग खुलने का इंतजार करते रहे। परेशान ग्रामीणों का कहना था कि लोक निर्माण विभाग साहिया ने करोड़ों रुपये खर्च कर दिये, लेकिन जजरेड पहाड़ी पर भूस्खलन की समस्या बरकरार है। करीब तीन घंटे तक जेसीबी से मलबा हटाने के बाद यातायात सुचारू हो पाया।