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DevBhoomi Insider Desk
• Sat, 29 Jan 2022 7:00 am IST


पछवादून में अलग-अलग हुए हादसों में तीन व्यक्तियों की मौत


विकासनगर: पछवादून क्षेत्र में अलग-अलग तीन जगह हुए हादसे में तीन व्यक्तियों की मौत हो गई। सभी घटनाएं कोतवाली विकासनगर क्षेत्र में हुईं। इनमें व्यासी परियोजना के जुड्डो डैम में पैर फिसलने से एक मजदूर की मौत हुई, वहीं डाकपत्थर बस अड्डे पर एक बुजुर्ग मृत हाल में मिला। तीसरी घटना ढकरानी क्षेत्र में हुई, जहां पर एक युवक ने शक्तिनहर में छलांग लगा दी। युवक का शव ढकरानी इंटेक से बरामद हो गया है। पुलिस तीनों व्यक्तियों के शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम कराई।

गैमन इंडिया कंपनी में कार्यरत श्रमिक मंतू दास पुत्र जग्गू दास निवासी लखवाड़ व्यासी परियोजना में पिछले तीन साल से पंप आपरेटर के तौर पर काम कर रहे थे। शुक्रवार तड़के मंतू दास पंप चालू करने गए। डैम की करीब पांच सौ सीढ़ी उतरकर वह अपने एक अन्य सहकर्मी के साथ नीचे पहुंचे, इसी बीच उनका पैर फिसल गया। मंतू के गंभीर रूप से घायल होने पर उनके साथी कर्मी ने घटना की सूचना कंपनी के उच्चाधिकारियों को दी, लेकिन काफी देर तक कोई नहीं पहुंचा। कर्मचारी खुद ही गंभीर घायल मंतू को उपचार के लिए उप जिला चिकित्सालय विकासनगर लेकर पहुंचा, जहां पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना पर लखवाड़ क्षेत्र के गुस्साए ग्रामीण चकराता मंडी समिति चेयरमैन जगमोहन सिंह चौहान व तरुण संघ खत लखवाड़ के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र सिंह चौहान, तरुण संघ अध्यक्ष अभय प्रताप सिंह, सुनित चौहान, नरेश चौहान, आलम सिंह, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अजय नेगी, संदीप चौहान के साथ जल विद्युत निगम की व्यासी परियोजना पहुंचे। उन्होंने परियोजना के अधिशासी निदेशक राजीव अग्रवाल से मुलाकात कर नाराजगी जताई। ग्रामीणों का आरोप है कि पंप आपरेटर की मौत लापरवाही के कारण हुई है। आक्रोशित ग्रामीणों ने धरना भी दिया। उन्होंने कहा कि कहा कि सूचना देने के बाद भी कंपनी का कोई उच्चाधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा न ही एंबुलेंस आदि के जरिये सहयोग दिया गया। ग्रामीणों का कहना था कि ठेकेदार और कंपनी ने मंतू दास का ईपीएफ भी नहीं जमा कराया है, परिवार में कमाने वाले वह अकेले व्यक्ति थे। ग्रामीणों के हंगामा करने पर अधिशासी निदेशक राजीव अग्रवाल व कंपनी प्रबंधन ने मृतक आश्रित को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का आश्वासन दिया। श्रमिक की बूढी मां को एक हजार रुपये प्रति माह पेंशन, चुनाव आचार संहिता हटने के बाद पीड़ित परिवार के एक सदस्य को रोजगार देने का भी आश्वासन मिलने पर ग्रामीण माने और धरना समाप्त किया।