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DevBhoomi Insider Desk
• Sun, 17 Jul 2022 10:00 pm IST

नेशनल

अब ग्रामीण अंचलों की महिलाओं की मदद करेगा नारी अदालत, जानिए क्या है ये सराकारी योजना...?


केंद्रीय महिला कल्याण मंत्रालय ने हाल में मिशन शक्ति की संशोधित कार्ययोजना और गाइड लाइन में एक नए प्रोजेक्ट का एलान किया है। जिसके अंतर्गत महिलाओं की सुरक्षा और अधिकार से जुड़े मामलों के समाधान के लिए ग्राम पंचायतों में नारी अदालत का संचालन होगा। 

गांवों में महिला अधिकारों और कानूनी व्यवस्थाओं की जानकर सात से 11 महिला सदस्यों का समूह मध्यस्थता के जरिए महिलाओं को स्थानीय स्तर पर वैकल्पिक समाधान दिलाने का काम करेगा। इस नयी योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। शुरु में तो  इसे चिह्नित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लॉन्च किया जाएगा। हालांकि, महिला ग्राम प्रधान वालें गांवों में इसे पहले क्त्रिस्यान्वित किया जाएगा।  

पहले साल 15 विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के तहत कानूनी और संवैधानिक अधिकारों के संबंध में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। दूसरे साल, प्रतिबद्ध और सामाजिक रूप से सम्मानित महिलाओं की पहचान की जाएगी। इन्हें महिलाओं से संबंधित कानूनों और योजनाओं के बारे में व्यापक रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा। महिला अदालत के लिए चयनित सदस्यों को कोई पारिश्रमिक नहीं दिया जाएगा। पर, बैठकें आयोजित होने पर उन्हें पॉकेट खर्च मिलेगा। सदस्यों को बैज और वर्दी के लिए भी धनराशि दी जाएगी। प्रति बैठक जेब खर्च के रूप में 3000 रुपये और 2 साल में एक बार वर्दी के लिए 800 रुपये दिए जाएंगे।

नारी अदालत का उपयोग जागरूकता पैदा करने, योजनाओं में सुधार के लिए प्रतिक्त्रिस्या प्राप्त करने और सेवाओं के प्रभावी सार्वजनिक वितरण के लिए जनता के साथ जुड़ने के लिए भी किया गया है। इन्हें पंचायती राज मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा संचालित सामान्य सेवा केंद्रों के सामने में ग्राम पंचायतों के माध्यम से सहायता प्रदान की जाएगी।