पंचांग के अनुसार, हर माह में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है। पहला कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में रखा जाता है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जा रहा है। इस दिन शनिवार पड़ने के कारण इसे शनि प्रदोष व्रत के नाम से जानते हैं। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा की जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनिवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने के कारण इस दिन शिव जी के अलावा शनिदेव की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होगी। शनि प्रदोष व्रत पर शनि देव संबंधी कुछ उपाय करके सुख-समृद्धि के साथ धन संपदा प्राप्त की जा सकती है। जानिए शनि प्रदोष के दिन कौन से कार्य करना होगा शुभ।
शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार,नवंबर माह का पहला शनि प्रदोष व्रत 05 नवंबर को शनिवार शाम 05 बजकर 06 मिनट से शुरू होकर 06 नवंबर, रविवार को शाम 04 बजकर 26 मिनट तक रहेगा।
शिव जी को चढ़ाएं काले तिल
शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करें। इसके साथ ही शिवलिंग में जलाभिषेक करें। इसके लिए जल के लोटे में थोड़े से काले तिल डाल लें। इसके बाद शिव पंचाक्षर मंत्र 'ऊँ नम: शिवाय' का जाप करते हुए जलाभिषेक करें। ऐसा करने से भगवान शिव की अपार कृपा प्राप्त होगी।
करें ये उपाय
शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करने के साथ-साथ शनिदेव की पूजा करना लाभकारी होगा। आज के दिन छाया दान करना सबसे अच्छा माना जाता है। इसके लिए एक कटोरी या मिट्टी के दीपक में सरसों का तेल भर लें और उसमें एक रुपये का सिक्का डाल दें। इसके बाद इसमें अपना चेहरा देखकर किसी शनि मंदिर में रख आएं। वहीं शाम के समय एक काले कुत्ते को मीठी रोटी खिलाएं। ऐसा करने से कुंडली में मौजूद शनि की साढ़े साती और ढैय्या से छुटकारा मिल जाता है।