हिंदू
धर्म में तुलसी के पौधे को सुख
समृद्धि का प्रतीक माना गया है । माना जाता है कि अगर घर में तुलसी का पौधा है तो
वह सुख समृद्धि के साथ यश की प्राप्ति आपको कराता है । तुलसी के पौधे लगाने मात्र
से ही घर में सारी परेशानियां खत्म हो जाती है । गौर करने वाली बात यह है कि
तुलसी के पौधे को लगाने के साथ कई नियमों का भी पालन करना पड़ता है, उन्हीं नियमों से में से एक है कि
“रविवार के दिन कभी तुलसी को दल नहीं तोड़ना चाहिए” । लेकिन ध्यान देने वाली बात
ये है कि यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि आखिर क्यों अभी रविवार के दिन तुलसी के
दल नहीं तोड़े जाते । वही आज हम अपने इस लेख में आपको इसी कारण के बारे में
बताएंगे कि आखिर किस कारण से रविवार को तुलसी के दलों को नहीं तोड़ा जाता ।
विष्णु भगवान को
अतिप्रिय के तुलसी-
तुलसी
का पौधा आम पौधा नहीं होता है, हिंदू धर्म में इसे
बहुत पूज्य माना गया है और इसलिए तुलसी के दलों को तोड़ने के लिए भी कुछ नियम और
समय तय किया गया है । नियम अनुसार रविवार को तुलसी का दल नहीं तोड़ा जाता, ऐसा इसलिए क्योंकि तुलसी मां भगवान
विष्णु को अति प्रिय है और भगवान विष्णु को रविवार का दिन भी प्रिय है और इसलिए
विष्णुप्रिय तुलसी को रविवार के दिन नहीं तोड़ा जाता है और ना ही रविवार के दिन
तुलसी मां में जल चढ़ाया जाता है।
रविवार के अलावा इन दिनों भी नहीं तोड़ना चाहिए तुलसी के दल-
शास्त्रों
के अनुरूप तुलसी के पत्तों को और भी कई महत्वपूर्ण दिन नहीं तोड़ना चाहिए । इन
दिनों में एकादशी, सूर्य चंद्र ग्रहण
शामिल है । इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि रात को भी तुलसी के दल नहीं तोड़ना
चाहिए और ना ही कभी बिना उपयोग के तुलसी के दलों को तोड़ना चाहिए अगर आप ऐसा करते
हैं तो आपको दोष भी लग सकता है । अनावश्यक रूप से तुलसी के दल तोड़ना एक अपमान
माना गया है और साथ ही यह माना गया है कि ऐसा करने से आपके घर में नकारात्मकता आती
है अनावश्यक रुप से तुलसी तोड़ने से आपको मृत्यु का शप भी लग सकता है।