नैनीताल-कोविड कर्फ्यू में कई लोगों ने नशे को हराने के लिए भी संकल्प लने का फैसला किया है। कई लोग शराब, तंबाकू, स्मैक आदि के चंगुल से निकलने की इच्छा के साथ मनोचिकित्सक और मनोवैज्ञानिकों से संपर्क किया।
वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. मनोज त्रिवेदी कहते हैं कि कर्फ्यू अवधि में औसतन प्रतिदिन दस तक लोग पहुंचे हैं, जो किसी न किसी तरह के नशे की गिरफ्त में थे। नशे छोड़ने की इच्छा रखने वाले लोग नशे के शारीरिक, आर्थिक दुष्प्रभाव को समझते थे और वे इस आदत से छुटकारा चाहते थे। डॉ. त्रिवेदी कहते हैं कि शराब की लत से छुटकारा पाने के लिए संपर्क करने वाले कई लोग 40 साल व अधिक आयु के थे।