सीमांत की वंदिता कांडपाल को डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी की उपाधि मिलने पर क्षेत्र में खुशी की लहर है।उन्होंने लोहाघाट महाविद्यालय के जंतु विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. राठौड के निर्देशन में रोल ऑफ विटामिन ई इन डिटाक्सीकेशन ऑफ हेक्सावेलेन्ट कोमियम टॉक्सीसिटी इन गैलस गैलस डोमेस्टिक्स विषय पर शोधकार्य पूर्ण किया। इस दौरान उनके पांच शोध अर्न्तराष्ट्रीय जर्नल में भी प्रकाशित हुए हैं। शोध पत्र प्रस्तुतीकरण में उन्हें द्वितीय स्थान प्राप्त किया। वंदिता मूल रूप से अल्मोड़ा जनद की रहने वाली है। वर्तमान में वह नगर के पुलिस लाइन क्षेत्र में रहती हैं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और शोध निर्देशक डॉ. राठौड को दिया है।