रांगड़ ने बातचीत में बताया कि टिकट न मिलने से वे आहत हैं। टिकट न मिलने के बाद उन्होंने अपने समर्थकों से राय मशवरा शुरू किया है। सभी चुनाव लड़ने की राय दे रहे हैं। चुनाव को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। सब कुछ ठीक रहा और सभी का साथ मिला, तो चुनाव हरहाल में निर्दलीय के तौर पर लडूंगा। कहा कि 2012 में वह धनोल्टी से विधायक रहे। लेकिन 2017 में भी उन्हें टिकट नहीं दिया गया। इस बार जनता के बीच गहरी पैठ से काम करने के बाद भी भाजपा ने उन्हें टिकट न देकर हाल में पार्टी में आये निर्दलीय विधायक प्रीतम पंवार को टिकट देने का काम किया है। जिससे भाजपा के लोगों में खासी नाराजगी है। इसलिए सभी लोगों के रायमशविरे पर चुनाव लड़ेंगे। रांगड़ के फैसले से भाजपा की मुसीबतें धनोल्टी सीट पर बढ़ना तय है।