1 फरवरी को पास हुए बजट के बाद से ही काफी लोग खुश नज़र आ रहे हैं तो कही बजट से पहले जीएसटी
में सुधार की मांग राष्ट्रीय
स्तर पर करने की बात कहि जा रही हैं। ऐसे में बजट जारी होने के बाद जीएसटी
के लिहाज से कई अहम
बदलाव देखे जा रहे हैं। जिससे ई-वे बिल
डिफाल्ट के मामले में
जुर्माना कड़ा करते हुए इसे 200 फीसद कर दिया गया
है। जबकि जीएसटीआर-9सी को खत्म
करने से रिटर्न फाइलर
को राहत दी गई है।
वस्तु व सेवा कर
लागू होने के बाद से
इसे कठिन पहेली के रूप में
देखा जा रहा है। जीएसटी की प्रक्रिया आसान
बनाने की मांग लंबे
समय से की जा
रही है। जिससे लोग आसानी से जीएसटी की
प्रक्रिया को पूरी कर
सकें। ऐसे में नए बजट में
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी को
बहुत हद तक आसान
बनाया गया है। जिसका लाभ लोगों को मिलना शुरू
हो जाएगा। पहले ई-वे बिल
में किसी तरह की गड़बड़ी पर
टैक्स और उतना ही
जुर्माना लगाया जा रहा था।
अब टैक्स के बजाय दो
गुनी राशि का जुर्माना लिया
जाएगा। राज्य कर अधिकारी प्रकाश
त्रिवेदी ने बताया कि
अभी तक जीएसटी रिटर्न
दाखिल करते समय 9सी फार्म आवश्यक
था। जिसमें वार्षिक स्टेटमेंट देते समय किसी सीए से ऑडिट कराना
आवश्यक था। जिसमें वित्त मंत्री ने जीएसटीआर 9सी
को समाप्त कर दिया है।
जिससे कारोबारी को आडिट के
लिए सीए का चक्कर नहीं
लगाना होगा।