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DevBhoomi Insider Desk
• Fri, 24 Mar 2023 8:30 am IST


भूकंप की तीव्रता पर उत्तराखंड को होगा भारी नुकसान? मध्य हिमालय क्षेत्रों में डोलती धरती पर एक्सपर्ट को इस बात चिंता


हिन्दुकुश के बजाय हिमालय के दूसरे हिस्से में 6.6 तीव्रता वाले भूकंप का केंद्र रहता तो व्यापक नुकसान हो सकता था। भूकंप अगर दोबारा आएगा तो क्या उत्तराखंड को भारी नुकसान होगा? वैज्ञानिकों के मुताबिक, हिन्दुकुश रीजन में अक्सर भूकंप की गहराई अधिक रहती है, इसलिए नुकसान कम होता है। बाकी मध्य एवं पूर्वी हिमालयी क्षेत्र में भूकंप की गहराई कम रहने से नुकसान कहीं ज्यादा हो जाता है।

देहरादून के वाडिया हिमालयन भू-विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों के आंकलन के मुताबिक, हिन्दुकुश रीजन में भूकंप की गहराई औसतन 150 से 180 किमी रहती है। बाकी हिमालयी रीजन में गहराई 10 से 50 किमी तक ही रहती है। भू-वैज्ञानिक डॉ. नरेश कुमार के मुताबिक, यदि इस तीव्रता से जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, नेपाल से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक भूकंप आया होता तो भीषण आपदा का सामना करना पड़ सकता था।

यहां के भूकंप में भूगर्मीय वजहों से अधिक गहराई नहीं होती है। उत्तराखंड के चमोली में 1999 में 6.5, उत्तरकाशी में 1991 में 6.4 तीव्रता के भूकंप भारी नुकसान पहुंचा चुके हैं। वहीं सिक्किम में 2011 में 6.9 तीव्रता का भूकंप आया था, इसकी गहराई सिर्फ 40 किमी थी।