Read in App

DevBhoomi Insider Desk
• Mon, 6 Dec 2021 8:30 pm IST


बाबरी मस्जिद विध्वंस के 29 साल...और कुछ इस तरह बदल गई देश की चुनावी राजनीति


अयोध्या में बीते पांच अगस्त को राम मंदिर का भूमि पूजन किया गया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हुआ है लेकिन इसके पीछे की इतिहास ऐसा बना कि भारतीय राजनीति की दशा-दिशा पूरी तरह से बदल गई. 6 दिसंबर 1992 का दिन सिर्फ उत्तर प्रदेश के लिए ही नहीं बल्कि देश-दुनिया के लिए भी महत्वपूर्ण बन क्योंकि इस दिन कुछ ऐसा हुआ जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी. 6 दिसंबर 1992 को विवादि बाबरी मस्जिद के ढांचे को कारसेवकों की उग्र भीड़ ने जमींदोज कर दिया. फिर जो हुआ, वह इतिहास के पन्नों में दर्ज है और लोग इसकी व्याख्या अपने-अपने हिसाब से करते हैं.भारत सरकार ने 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस की जांच पड़ताल के लिए लिब्रहान आयोग का गठन किया. जिसका कार्यकाल लगभग 17 साल लंबा चला. इसके अध्यक्ष भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश मनमोहन सिंह लिब्रहान को बनाया गया.केंद्र सरकार ने इस आयोग को अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए तीन महिनों का समय दिया गया था, लेकिन इसका कार्यकाल 48 बार बढ़ाया गया. जिसके साथ ही यह सबसे लंबे समय तक चलने वाला जांच आयोग बन गया. मार्च 2009 में जांच आयोग को तीन महीने का और अतिरिक्त समय दिया गया था लेकिन यह मुकदमा आज भी जारी है.