चुनावी विगुल बज चुका है। प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस में प्रत्याशियों की औपचारिक घोषणा होनी बाकी है। लोकतंत्र के इस महापर्व में मतदाता अपनी सरकार चुनेंगे। मतदाताओं ने मताधिकार के लिए अपनी प्राथमिकताएं भी तय कर ली हैं। कई सामाजिक संस्थाएं लोगों को मताधिकार के लिए प्रेरित कर रही हैं। संस्थाओं के प्रतिनिधियों का कहना है कि लोकतंत्र के उत्सव में एक-एक वोट से ही सरकार बनेगी। इसलिए हर कोई अपने मताधिकार का प्रयोग करे। शिक्षित और स्वच्छ छवि का विधायक चुनकर स्थिर सरकार बनाने में भागीदारी निभाए।
व्यक्तिगत फायदे को न देखते हुए समाज की उन्नति के नजरिये से हमें वोट देना चाहिए। मजबूत सरकार देश को देनी चाहिए, ताकि देश और प्रदेश दोनों सशक्त हो सकें। विधायक वो कड़ी है जो आम जनता को सरकार से जोड़ता है। इसलिए विधायक स्थानीय लोगों से जुड़ा और उनके बीच का होना जरूरी है।