उत्तराखंड के चमोली की नीती घाटी में आई भयावह प्राकृतिक आपदा भूस्खलन के साथ ही लाखों टन बर्फ के नीचे खिसकने का दुष्परिणाम हुआ है। वैज्ञानिकों की प्रतिष्ठित संस्था अमेरिकन जियोफिजिकल यूनियन का यह मानना है ।
संस्था की एक रिपोर्ट के मुताबिक जिस जगह प्राकृतिक आपदा आई, वहां 5600 मीटर की ऊंचाई से पहाड़ की हजारों टन वजनी बड़ी-बड़ी चट्टानें व लाखों टन बर्फ सीधे 3800 मीटर तक नीचे जा गिरीं थी ।
कई हजार टन वजनी भारी भरकम चट्टानों और लाखों टन बर्फ के नीचे तेजी से गिरने की वजह से यह भयावह आपदा आई और काफी जनहानि के साथ ही करोड़ों का आर्थिक नुकसान हुआ है।
चमोली की नीती घाटी में आई भयावह आपदा पर वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, इसरो, डीआरडीओ समेत देश के तमाम वैज्ञानिक संस्थानों के साथ ही अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान समेत यूरोप के कई देशों के वैज्ञानिकों की टीमें तमाम पहलुओं को लेकर अध्ययन भी कर रही हैं।