देहरादून: राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक यानी नाबार्ड कृषि और ग्रामीण विकास के लिए निरंतर प्रयास करता रहता है, ताकि सेब और कीवी के काश्तकारों को बागवानी के प्रति प्रोत्साहित किया जा सके. इसी क्रम में आज नाबार्ड की ओर से आईटी पार्क स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में सेब महोत्सव 1.0 का आयोजन किया गया.
हर्षिल घाटी के सेबों की हुई खूब बिक्री: प्रदर्शनी में नाबार्ड संपोषित कृषि उत्पादन संगठन और जनजातीय विकास परियोजनाओं के उत्पाद विपणन के लिए लाए गए थे. महोत्सव में हर्षिल घाटी (उत्तरकाशी) के ए ग्रैंड रॉयल डिलीशियस और गोल्डन डिलीशियस सेब, जो आमतौर पर निर्यात किए जाते हैं और स्थानीय बाजार में उपलब्ध नहीं होते हैं, उन सेबों को लोगों ने जमकर खरीदा. इसके अलावा कपकोट के जैविक तरीके से उत्पादित की गई कीवी, गुड़, खंडसारी पाउडर, तेल ,शुद्ध घी, चकराता क्षेत्र के राजमा, अखरोट और मंडुआ की भी बिक्री हुई.
सेब महोत्सव 2.o का भी होगा आयोजन: नाबार्ड के नए मुख्य महाप्रबंधक पंकज यादव ने बताया कि पर्वतीय और ग्रामीण अंचलों में समृद्धि लाने के उद्देश्य से ऐसे महोत्सवों का आयोजन किया गया है. उत्तराखंड का सेब लगातार अपनी पहचान बनाता जा रहा है, पहाड़ी जिलों में कीवी की खेती भी काश्तकार करने लगे हैं. नाबार्ड भी किसानों को बागवानी पौधे उपलब्ध कराता है, ताकि किसान सेब और कीवी जैसे फलों का उत्पादन करके लोगों तक पहुंच सकें. उन्होंने कहा कि सेब महोत्सव आयोजित करने का उद्देश्य ये है कि लोगों को पता चले कि उत्तराखंड में भी अच्छे उत्पाद होते हैं. वहीं, आने वाले समय में सेब महोत्सव 2.o भी आयोजित किया जाएगा.