उत्तराखंड के चमोली से लगे चीन सीमा क्षेत्र में सबसे दूरस्थ गांव द्रोणागिरी भी अब जल्द ही सड़क से जुड़ जाएगा। अभी तक करीब सात किमी की पैदल दूरी तय कर अपने गंतव्य को पहुंचते हैं द्रोणागिरी गांव के ग्रामीण। धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से द्रोणागिरी गांव काफी महत्वपूर्ण है, लेकिन यह गांव सुविधा न होने के कारन गांव पलायन की मार झेल रहा है।
गांव में एक दशक पूर्व जहां करीब 150 परिवार निवास करते थे, लेकिन गांव की पैदल दूरी अधिक होने से यहां ग्रीष्मकाल में अब करीब 50 परिवार ही पहुंचते हैं। द्रोणागिरी गांव के लिए वर्ष 2008 में शासन ने 6.6 किमी सड़क निर्माण के लिए मंजूरी दी।
इस प्रोजेक्ट के लिए सरकार ने 10 करोड़ 94 लाख रुपये भी स्वीकृत हुए। विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद सड़क का निर्माण कार्य चार किमी से अधिक हो गया है। लोनिवि के अधिकारियों का कहना है कि अगले साल तक सड़क द्रोणागिरी गांव पहुंच जाएगी। सड़क से द्रोणागिरी गांव के साथ ही कागा और गरपक गांव को भी यातायात का लाभ मिलेगा।