Read in App


• Wed, 14 Jul 2021 1:16 pm IST


कर निर्धारण में भेदभावपूर्ण मानकों पर पार्षदों ने जताया विरोध


कोरोना काल चार माह बाद हुई नगर निगम बोर्ड की बैठक में कर निर्धारण में सही मापदंड न अपनाने पर हंगामा हुआ। पार्षदों ने कहा कि कई बड़े वाणिज्यिक संस्थानों का कर निर्धारण जानबूझ कर कम किया गया है। बैठक में गरीब बस्तियों से कूड़ा एकत्र न करने का आरोप भी लगाया गया। मंगलवार को मेयर ऊषा चौधरी की अध्यक्षता में हुई बैठक में पार्षदों ने कर निर्धारण के मानकों पर सवाल उठाए। कर अधीक्षक संजय मेहरोत्रा ने बताया कि अभी तक बड़े वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के 173 लाइसेंस बन चुके हैं। बैठक में इन प्रतिष्ठानों पर आरोपित कर के बारे में भी जानकारी दी गई। पार्षद दीपक कांडपाल ने कर निर्धारण के आधार के बारे में पूछा तो निगम के अधिकारी कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए।