नैनीताल-उत्तराखंड ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश की कांग्रेस पार्टी में खासी धमक थी। सितंबर 2005 में उन्होंने इसे न केवल साबित किया, बल्कि नैनीताल में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों का सफल सम्मेलन कराकर अपनी क्षमताओं को भी जग जाहिर कर दिखाया था।
उत्तर प्रदेश से अलग होने के बाद भी उत्तराखंड में कांग्रेस का अच्छा दबदबा था। इसे देखते हुए ही 2005 में कांग्रेस पार्टी ने कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों का तीन दिवसीय सम्मेलन प्रस्तावित किया। इसकी सफलता का जिम्मा तत्कालीन लोनिवि और संसदीय कार्य मंत्री डॉ. इंदिरा हृदयेश को सौंपा गया।