एक तरफ मानसून कहर ढा रहा है तो दूसरी तरफ कम बारिश से देश में धान का उत्पादन घटने की आशंका है। फलस्वरुप चावल की कीमतें बढ़ सकती हैं।
दरअसल जुलाई के पहले हफ्ते तक भीषण गर्मी पड़ने से मौसम में होने वाली फसलों की बुवाई पिछड़ रही है। इसका बड़ा कारण पूरे देश में एक समान बारिश न होना है। बारिश न होने से धान, मक्का, सोयाबीन की बुआई पर ज्यादा असर पड़ा है। हालांकि, आगामी सप्ताह में बारिश होने से बुवाई तेज होने की संभावना है।
क्योंकि पिछले साल 4 करोड़ हेक्टेयर की फसल की तुलना में इस साल अभी तक 9.3 फीसदी कम बुवाई हुई है। उत्पादन में कमी से सरकार चावल के निर्यात पर अंकुश लगाएगी। क्योंकि क्षेत्रों में धान की ज्यादा खेती होती है। वहां पर अब भी 46 फीसदी कम बारिश हुई है। देश में जुलाई रोपाई के हिसाब से प्रमुख महीना होता है।
बताते चलें कि, सरकार आगामी दिनों में और तेल की कंपनियां कीमतें घटाने का मन बना रही है। इससे पहले बृहस्पतिवार को मदर डेयरी ने सोयाबीन, राइस ब्रान तेल की कीमतें प्रति लीटर 15 रुपये तक कम की थी। और अब सूरजमुखी तेल के भाव अगले 15-20 दिनों में घटने की संभावना है।