अगर इंसान में कुछ कहर गुजरने की चाहत है तो वह हर मुश्किल को पर कर सफलता की इबारत लिख देता है। उद्योगपति विवेकरंजन गुप्ता भी उन्हीं में से एक है जिन्होंने अपनी मेहनत और लग्न से बिजनेस की दुनिया में खुद की अलग पहचान बनाई। मूल रूप से नौकरीपेशा परिवार में ही जन्मे विवेकरंजन गुप्ता आज उद्योग जगत का जाना माना नाम बन चुके हैं।
करीब तीस साल पहले 10 लाख की लागत से शुरू किया उनके समूह का कारोबार आज सालाना 10 करोड़ के टर्नओवर पर पहुंच गया है। विवेक बताते हैं कि उनकी पत्नी हाउसवाइफ है और दो बेटे है। बड़ा बेटा उनके साथ ही बिजनेस में जुट गया है जबकि और छोटा बेटा प्राइवेट कपनी में जॉब कर रहा है। विवेकरंजन गुप्ता का कहना है कि उन्होंने जीईसी रायपुर(वर्तमान में एनआइटी) से अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है।
पढ़ाई के बाद कुछ साल उन्होंने प्राइवेट नौकरी भी की,लेकिन उसमें उनका मन नहीं लग रहा था। ऐसे में उन्होंने उद्यमी बनने का फैसला किया। उन्होंने बताया कि साल 1993 में उन्होंने इंजीनियरिंग वर्कशाप की शुरुआत की और कुछ दिनों बाद ही वायर एंड वायर की नींव रखी। इसके बाद कभी भीपीछे मुड़कर नहीं देखा। साल 1999 में "सनी वायर्स" एमएस वायर नेल्स, बाइंडिंग वायर्स,एचबी वायर्स आदि की विस्तृत श्रृंखला के अग्रणी निर्माता बने। अब वे लोगों की मांग के आधार पर एचबी वायर, जीआइ वायर के साथ कांटेदार भी उपलब्ध कराते हैं।
कंपनी के उत्पाद सुपर टिप(वायर नेल्स) और सुपर साफ्ट(बाइंडिंग वायर) व्यापक रूप में पहचाने जाते है। विवेक रंजन बताते हैं कि उन्हें अपने परिवार के साथ समय बीतना बेहद पसंद हैं। विवेकरंजन गुप्ता उरला इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके है।साथ ही वे रोटरी क्लब सहित कई सामाजिक संगठनों से भी जुड़े हैं और सामाजिक कार्यों में अपना योगदान देते हैं।