भारत का मेडिकल साइंस लगातार इतिहास रच रहा है। यहां की चिकित्सा प्रणाली ने एक ऐसा कीर्तिमान हासिल किया है कि 12 साल के बच्चे को बिना फेफड़े ट्रांसप्लांट किए स्वस्थ कर दिया है। हैदराबाद में 65 दिनों तक ईसीएमओ लाइफ सपोर्ट पर रहकर बच्चा आज स्वस्थ है। बच्चे के ठीक होने पर परिवार डॉक्टरों के प्रति आभार व्यक्त किया है। देश और एशिया में ऐसा पहली बार हुआ है कि बिना लंग्स ट्रांसप्लांट किए बच्चा पूरी तरह से ठीक हो गया है। उत्तर प्रदेश का रहने वाला 12 साल का शौर्य चार महीने पहले कोरोना संक्रमित हुआ था। कोरोना संक्रमण के दौरान उसके दोनों फेफेड़े संक्रमित हो गए थे। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डॉक्टरों ने उसे लंग्स ट्रांसप्लांट करने की सलाह दी, लेकिन इसी बीच परिवार को किसी ने हैदराबाद के डॉक्टरों से मिलने का सुझाव दिया। शौर्य का परिवार उसे हैदराबाद लेकर गया और वहां 65 दिनों तक ईसीएमओ लाइफ सपोर्ट पर रखा गया। आज शौर्य पूरी तरह ठीक हैं।