हरिद्वार बाईपास चौड़ीकरण का ठेका लेने के लिए दिल्ली के एक ठेकेदार ने 77 लाख रुपये की फर्जी बैंक गारंटी लोक निर्माण विभाग में जमा कर दी। ठेका उसी के नाम पर हो भी गया। इसके बाद जब गारंटी पत्र का सत्यापन कराया गया तो पहली बार में वह सही पाई गई लेकिन, दूसरी बार सत्यापन में बैंक ने इसे फर्जी बता दिया। इस आधार पर ठेकेदार के खिलाफ कैंट थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। लोक निर्माण विभाग की अधिशासी अभियंता रचना थपलियाल ने कैंट थाने को तहरीर दी है कि हरिद्वार बाईपास (आईएसबीटी से रेलवे क्रॉसिंग) के चौड़ीकरण के लिए राकेश कुमार निवासी एलआईजी फ्लैट, सत्यम एन्क्लेव, दिल्ली ने उन्हें 77.70 लाख रुपये की यूनियन बैंक ऑफ इंडिया दारूखाना, मुंबई की बैंक गारंटी जमा कराई। इस गारंटी के आधार पर राकेश कुमार के नाम से काम का अनुबंध पत्र तैयार कर लिया गया। सड़क पर काम भी शुरू हो गया। लेकिन नवंबर में फिर से बैंक को ई-मेल किया गया तो पता चला कि यह बैंक गारंटी उनकी शाखा ने कभी जारी ही नहीं की है। इसके बाद इस ठेके को निरस्त कर दिया गया। एसएचओ कैंट शंकर सिंह बिष्ट ने बताया कि आरोपी राकेश कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।