ऋषिकेश। उत्तराखंड के कई जिले ऐसे हैं जहां पीने के पानी की किल्लत है। इन्हीं में से एक गांव है ऋषिकेश। यमकेश्वर ब्लाक के नीलकंठ न्याय पंचायत के भादसी गांव में लंबे समय से पेयजल संकट गहराया हुआ है। यहां 150 से अधिक की आबादी बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रही है।
आलम यह है कि ग्रामीण पानी के लिए प्राकृतिक पेयजल स्रोतों पर निर्भर हो गए हैं। इसके लिए उन्हें प्रतिदिन आधा से डेढ़ किमी तक की दूरी तय करनी पड़ रही है। नीलकंठ न्याय पंचायत के भादसी गांव में पुंडरासू पंपिंग योजना से पेयजल आपूर्ति होती है। इस पेयजल योजना के लिए भी ग्रामीणों ने लंबा आंदोलन किया था। जिसके बाद वर्ष 2001-02 में यह पेयजल योजना बनकर तैयार हुई।पेयजल योजना से पुंडरासू के अलावा समीप के ही आंबेडकर ग्राम समलखेत व घैकल में भी पेयजल आपूर्ति की जाती है। योजना बनने के बाद कुछ वर्षों तक पेयजल आपूर्ति सामान्य रही। मगर, बाद में जल संस्थान ने इसी योजना से नीलकंठ मेला क्षेत्र की पेयजल आपूर्ति भी जोड़ दी। 20 वर्ष पुरानी पेयजल योजना पर नए क्षेत्र के जोड़े जाने से यहां पेयजल की समस्या बढ़ने लगी।
पिछले कुछ वर्षो से अब पुंडरसू पंपिंग योजना यहां की आबादी की प्यास बुझाने में नाकाफी साबित हो रही है। भादसी के पूर्व ग्राम प्रधान जवाहर सिंह भंडारी ने बताया कि पहले तो गर्मियों के दिनों और नीलकंठ मेले के दौरान ही पानी का संकट होता था। मगर, अब सर्दियों में भी पानी का संकट होने लगा है। उन्होंने बताया कि पिछले एक वर्ष से गांव में पेयजल का संकट और भी गंभीर हो गया है।इस संबंध में जल संस्थान के अधिकारियों से कई बार शिकायत की गई। मगर, कोई संतोषजनक हल नहीं निकल पा रहा है। ग्राम प्रधान डबल सिंह भंडारी ने बताया कि करीब 20 वर्ष पुरानी पेयजल योजना पर मरम्मत के नाम पर कोई काम नहीं हो पाया है। जिससे पेयजल लाइन जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो गई है। आए दिन पंप खराब होने और बजट की कमी की बात कहकर अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री कर देते हैं।
ग्राम प्रधान डबल सिंह भंडारी ने विभाग से पेयजल लाइन की मरम्मत कर गांव में पेयजल आपूर्ति सुचारू करने की मांग की है। इस संबंध में जल संस्थान के अपर सहायक अभियंता शूरवीर सिंह चौहान ने बताया कि पुंडारसू पंपिंग योजना में कुछ तकनीकी दिक्कतें आई थी, जिसे ठीक कर दिया है। क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन की भी मरम्मत कर दी गई है। शीघ्र ही गांव में पेयजल आपूर्ति सुचारू कर दी जाएगी।