पहाड़ों पर सड़क के नाम पर विकास कहां तक पहुंचा है यह किसी से भी छुपा नहीं है। उत्तराखंड के पहाड़ों में सड़क जैसी मूलभूत जरूरत के अभाव के चलते लोगों को समय पर ठीक इलाज और उपचार नहीं मिल पाता है।खासकर कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं के लिए पहाड़ों पर रहना खतरे से खाली नहीं है। पहाड़ों पर सड़कों की हालत इतनी दयनीय है कि गर्भवती स्त्रियों को बेहद कष्ट और पीड़ा सहन करनी पड़ती है। प्रसव पीड़ा के दौरान डोली पर उन लोगों को दूर अस्पताल तक ले जाया जाता है, जोकि बेहद शर्मनाक है। पिथौरागढ़ का एक ऐसा ही गांव सड़क जैसी मूलभूत सुविधा के अभाव में जी रहा है। हम बात कर रहे हैं पिथौरागढ़ जिले के अंतिम गांव नामिक गांव की जहां पर सड़क न होने का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है।