श्रीनगर: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान उत्तराखंड ने वैश्विक गुरु श्री श्री रविशंकर की उपस्थिति में द आर्ट ऑफ लिविंग संस्था के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए. इस समझौता ज्ञापन पर एनआईटी, उत्तराखंड के निदेशक प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी और द आर्ट ऑफ लिविंग संस्था के इंस्टीटूशनल प्रोग्राम के निदेशक राजीव नम्बिआर ने हस्ताक्षर किये.एमओयू ज्ञापन के विषय में जानकारी देते हुए प्रोफेसर अवस्थी ने कहा कि,"यह एक सर्वविदित तथ्य है कि 18-30 वर्ष की आयु अत्यंत महत्वपूर्ण है. यह वह उम्र है जहां करियर, रिश्ते, साथियों, माता-पिता के दबाव और भविष्य के बारे में चिंता जैसे कई मुद्दे एक साथ सामने आते हैं. इन मुद्दों का युवाओं के समुचित विकास, अकादमिक और पेशेवर प्रदर्शन पर प्रतिकूल असर पड़ता है. बावजूद इसके उन्हें तनाव से निपटने और नकारात्मक विचारों से मुक्ति पाने के बारे में न तो घर पर सिखाया जाता है और न ही स्कूल में. वर्तमान शिक्षा प्रणाली मुख्य रूप से तकनीकी कौशल के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करती है, जबकि नई शिक्षा नीति- 2020 तकनीकी कौशल और लिबरल आर्ट्स सॉफ्ट स्किल्स जैसे कि कम्युनिकेशन, डिस्कशन, डिबेट, टीमवर्क, सामाजिक और नैतिक जागरूकता आदि के संयोजन से छात्रों के समग्र विकास पर केंद्रित है.