देहरादून- मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत 114 दिन के कार्यकाल में अपनी नेतृत्व क्षमता साबित नहीं कर पाए। हालांकि उनके मुख्यमंत्री पद से हटने के पीछे संवैधानिक कारण बताया जा रहा है, लेकिन अगर बात करें उपचुनाव की रणनीति को लेकर असमंजस,कुंभ में कोरोना जांच फर्जीवाड़ा, बयानबाजी को लेकर विवादों में घिरने की वजह से बनी छवि तीरथ सिंह रावत से मुख्यमंत्री का ताज छीनने का कारण बन गई। बीते 10 मार्च को प्रदेश के 10वें मुख्यमंत्री बने तीरथ सिंह रावत को महज 114 दिन बाद ही पद से हटना पड़ा। इस पूरे घटनाक्रम ने पुष्ट कर दिया कि सांसद से मुख्यमंत्री बने तीरथ सिंह रावत नेतृत्व क्षमता दिखाने को मिले मौके को साबित करने में चूक गए।