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DevBhoomi Insider Desk
• Wed, 28 Dec 2022 4:40 pm IST


स्वाद ही नहीं सेहत भी बिगाड़ सकती है मिलावटी दालचीनी, ऐसे करें असली नकली की पहचान


खाने का स्वाद बढ़ाना हो या फिर चाहिए सर्दी खांसी से निजात, दालचीनी हर मर्ज की एक दवा है। लोग सर्दियों में अपनी इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए भी दालचीनी का काढ़ा और चाय बनाकर पीते हैं। लेकिन यही गुणों से भरपूर दालचीनी अगर मिलावटी हो तो ये न सिर्फ आपकी जुबान का स्वाद बल्कि आपकी सेहत को भी बिगाड़ सकती है। बता दें, ग्राहक दालचीनी के भ्रम में अक्सर अमरूद की छाल तो कभी कैसिया बार्क ले आता है। ऐसे में आइए जानते हैं कैसे करें असली और नकली दालचीनी की पहचान।   

नकली और असली दालचीनी में ये है फर्क-

बहुत कम लोग यह बात जानते हैं कि नकली दालचीनी के ल‍िए कैस‍िया बार्क का इस्‍तेमाल क‍िया जाता है। दालचीनी और कैस‍िया बार्क के बीच फर्क पता करने के लिए आपका यह जानना जरूरी है कि कैस‍िया बार्क की बाहरी परत खुरदुरी होती है जबकि दालचीनी की परत च‍िकनी होती है। 

असली दालचीनी को सीलोन दालचीनी के नाम से जाना जाता है। इस दालचीनी में कुमेर‍िन नाम का तत्‍व कम होता है और इसल‍िए इसका सेवन फायदेमंद माना जाता है। 

नकली दालचीनी को कैसिया दालचीनी के नाम से जाना जाता है। ये दालचीनी ज्‍यादातर चीन और इंडोनेश‍िया में पाई जाती है। कैसिया दालचीनी की कीमत असली दालचीनी की तुलना में कम होती है। 

असली दालचीनी का रंग हल्‍का भूरा होता है। जो हाथ पर लेने पर रंग नहीं छोड़ता है। जबकि नकली दालचीनी पर कभी-कभी रंग की परत चढ़ाई जाती है।

असली दालचीनी का स्‍वाद और सुगंध मीठी होती है। दालचीनी को खाने पर स्‍वाद कसैला नहीं होता। जबकि नकली दालचीनी का स्‍वाद मीठा नहीं होता और सुगंध तीखी होती है। असली दालचीनी के रोल स‍िगार की तरह भरे होते हैं। दालचीनी के रोल के अंदर आप उंगली नहीं डाल पाएंगे। 

दालचीनी पतली और नाजुक होती है। हाथ में लेने से वो आसानी से टूट जाएगी। यही असली दालचीनी की पहचान है। जबकि नकली दालचीनी मोटी और मजबूत होती है।